बीसी महिला उत्थान समिति ने किया नारेबाजी
नौ सूत्रीय मांगों को लेकर मंडलायुक्त और जिला प्रशासन को सौपा ज्ञापन
आजमगढ़/संसद वाणी
बीसी महिला उत्थान समिति की जिलाध्यक्ष नन्दिनी के नेतृत्व में लालगंज, मुहम्मदपुर,अजमतगढ, सठियांव की बीसी सखियों ने मंगलवार को 9 सूत्री मांग पत्र जिलाधिकारी और मंडलायुक्त को सौंपा गया। इस दौरान बीसी सखियों ने हम भारत के नारी है, फूल नहीं चिंगारी है, हम अपना अधिकार मांगते नहीं किसी से भीख मांगते, 75 हजार माफ करो, माफ करो जैसे नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। पत्रक सौंपते हुए जिलाध्यक्ष नन्दिनी ने कहाकि शासन द्वारा एनआरएलएम के माध्यम से सखियों का समूह बनाया गया है, हम सखी ही अथक मेहनत करते हुए गांव-गांव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के डिजीटल भारत की योजना को साकार कर रहे है लेकिन हमारी समस्याओं के लिए प्रति न तो शासन गंभीर है न ही जिला प्रशासन। जिसके कारण गांव में कार्य करने के लिए हम सखियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। संगठन द्वारा 11 नवंबर को पत्रक सौंपा गया लेकिन अभी तक जिला प्रशासन उदासीन बना हुआ है लेकिन जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। संगठन की जिला सचिव प्रीति ने बताया कि हमारी नौ सूत्री मांगों में बीसी सखियों के कार्यो के लिए शासनादेश को जनपदस्तर पर लागू किया जाए, बीसी सखियों को शासनादेश के अनुसार ग्राम सचिवालय में बैठने की व्यवस्था लागू की जाए, बीसी सखियों का शासनादेश के अनुसार ओडी एकांउट एवं सेटलमेंट एकांउट स्थानीय राष्ट्रीयकृत बैंकों में खुलवाया जाए, पार्टनर बैंक द्वारा डिवाइस सर्विस सेंटरों को बैंक के पास खोला जाए, बीसी सखियों का पूरा कमीशन हम लोगों को मिले उसमें से 25 प्रतिशत की कटौती न किया जाए। उपाध्यक्ष शिमला ने आगे बताया कि पार्टनर के बैंक कर्मचारी एवं एनआरएलएम कर्मचारियों द्वारा हम सभी से व्यवहार पूर्ण तरीके से बात की जाए। मनरेगा योजना अंतर्गत श्रमिकों का भुगतान शासनादेश के अनुसार हम बीसी सखियों से कराने की व्यवस्था पूर्ण रूप से सुनिश्चित की जाए, शासन द्वारा निर्धारित मानदेय समयानुसार हम सभी को दिया जाए, डिवाइस वापस लेकर लैपटाप दिया जाए ताकि सुविधाजनक तरीके से कार्य किया जा सकें। पत्रक सौंपने वालों में रीता ज्योति, सुमन प्रजापति, माधुरी देवी, सोना सिंह, कृतिका कौशल, सोनम देवी, रीना यादव, प्रीति कुमारी, गुलाबी, शिमला सहित कई ब्लाकों की सखियां मौजूद रहीं।