बिहार के बक्सर ज़िले के चौसा में हालात फिलहाल काबू में आ गए हैं. बड़ी संख्या में पुलिस बल और अधिकारियों की तैनाती के बाद अब वहां शांति बनी हुई है.
दरअसल चौसा के बनारपुर गांव में केंद्र सरकार ने थर्मल पावर प्लांट बनाया है. इसके लिए साल 2013 के रेट पर जमीन का मुआवजा दिया गया लेकिन अब इस प्लांट के लिए करीब 6 से 7 किलोमीटर की रेल लाइन और पाइप लाइन की भी जरूरत है और उसके लिए किसानों की जमीन ली जा रही है.किसान इस ज़मीन का मुआवजा नए दर से देने की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर किसानों ने मंगलवार को प्लांट के दरवाजे पर ताला भी जड़ दिया और वहां का कामकाज बंद करा दिया.इसी मांग से जुड़े स्थानीय व्यक्ति नरेंद्र तिवारी ने बताया कि रेल लाइन और पाइप लाइन के लिए करीब 225 एकड़ जमीन ली जा रही है जिसमें 150 परिवार प्रभावित हो रहे हैं.उनका आरोप है कि बिना किसी सूचना के कंपनी ने जमीन पर काम शुरू करा दिया जिसका विरोध किया गया था और उसी के बाद मंगलवार रात पुलिस प्रदर्शन करने वालों के घर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी.वहीं बक्सर पुलिस के मुताबिक़ मंगलवार शाम को करीब 600 ग्रामीणों ने राज्य सरकार के पावर प्लांट का घेराव किया. प्लांट की गाड़ियों के अलावा प्रशासन की गाड़ियों में तोड़फोड़ की. बक्सर पुलिस का आरोप है कि इस हंगामे की वजह से पावर प्लांट का काम भी बंद करना पड़ा.बक्सर के एसपी मनीष कुमार ने बताया कि बुधवार सुबह भी करीब 1000 किसान इकट्ठा हो गए और उन लोगों ने भारी हंगामा किया. पुलिस ने अपने बचाव में बल प्रयोग का भी इस्तेमाल किया.एसपी के मुताबिक इसमें ग्रामीणों को चोट नहीं आई है, जबकि कल से आज तक 4 पुलिस वाले घायल हुए हैं.