कृषि मंत्री ने किया किसान मेला व प्रदर्शनी का उद्घाटन*
चोलापुर/संसद वाणी
संवाददाता:-महेश यादव
कृषि के क्षेत्र में हमें यदि विकास करना है तो हमें खेती में आधुनिक व नवीनतम तकनीकों को अपनाना होगा,ऐसा करने से जहां एक ओर खेती की उत्पादन लागत में कमी आयेगी तो वहीं दूसरी ओर गुणवत्ता युक्त उत्पादन भी संभव हो सकेगा।उक्त विचार प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में फार्ड फाउंडेशन एवं आईसीएआर- भारतीय सब्जी अनुसन्धान संस्थान द्वारा आयोजित किसान मेला में उपस्थित किसानों के बीच व्यक्त किया। बतौर मुख्य अतिथि बायोटेक किसान परियोजना अंतगर्त मंडल स्तरीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में किसानों को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री,कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री ने कहा कि उच्च गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न उत्पादन के लिए गो आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा। आज मध्य प्रदेश का गेहूं उत्तर प्रदेश के गेहूं से बेहतर माना जाता है क्योंकि उसकी गुणवत्ता अच्छी है और अच्छा मूल्य भी मिलता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि वाराणसी में जल्द ही एक प्रयोगशाला खोली जायेंगी जहां जैविक सब्जियों व खाद्यान्न का परीक्षण भी होगा सकेगा।क्यों कि किसान हमेशा कहते हैं कि हमें तो भरोसा है कि हम जैविक विधि से बिषमुक्त सब्जियों व खाद्यान्न का उत्पादन कर रहे हैं लेकिन उपभोक्ताओं को भरोसा नहीं है कि हमारा उत्पाद बिषमुक्त है।ऐसे में जैविक उत्पादों के परीक्षण हेतु प्रयोगशाला खोली जायेंगी जिससे किसान व उपभोक्ता दोनों को भरोसा हो सके।
किसान मेला का उद्घाटन कृषि मंत्री ने फीता काटकर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. पंजाब सिंह ने भी किसानों से गो आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाने की अपील की। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रोधोगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति डा.बिजेंद्र सिंह ने केंद्र पर आये हुए मुख्य अतिथि एवं किसानों का स्वागत करते हुए प्रदेश में आधुनिक कृषि कि चुनौतियो एवं सम्भावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किये।
कृषि मंत्री ने केंद्र पर नव स्थापित प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण इकाई तथा माईक्रोइरीगेशन के अंतगर्त फव्वारा सिचाई प्रणाली का उददघाटन एवं मेले में फसल अवशेष प्रबंधन के अंतर्गत सूक्ष्म सिचाई तकनीकी पर पुस्तिका का विमोचन किया।
जब कृषि मंत्री की फिसल गयी जुबान –
किसानों को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री की जुबान उस समय फिसल गयी जब वे फार्ड (एफ.ए.ए.आर.डी.) संस्था को फ्राड संस्था कहकर संबोधित कर दिया।हालांकि मंत्री जी को तुरंत अपनी ग़लती का एहसास हुआ और वे फार्ड संस्था के डायरेक्टर की ओर मुखातिब हुए और हंसते हुए फार्ड कहकर संबोधन आगे बढ़ाया।
केंद्र के अध्यक्ष डॉ नरेंद्र रघुवंशी सहित अन्य वैज्ञानिको ने खेती की नवीन कृषि तकनीकी, प्रक्षेत्र अनुसंधान, मुर्गी पालन, मधुमख्खी पालन, मशरूम उत्पादन, आधुनिक कृषि यंत्रों, प्राकृतिक/गौ आधारित खेती, कंदन्न/मोटे पोषक अनाज की खेती, पशुपालन एवं कृषि उद्योगों से सम्बंधित समसामयिक जानकारी कृषकों को दी गयी।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ए.पी. राव ने किया।
इश एग्रीटेक का स्टाल रहा आकर्षण का केंद्र-
किसान मेले में किसानों व कंपनियों के 32 स्टाल लगाये गये थे।सभी 32 स्टालों का कृषि मंत्री ने अवलोकन कर किसानों का उत्साहवर्धन भी किया।किसान मेले में इन एग्रीटेक के सहयोग से चोलापुर ब्लाक के जैविक कृषक समितियों की ओर से लगाया गया जैविक सब्जियों का स्टाल लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा।स्टाल पर बिजेंद्र जंगा व जगदीश,फौजदार,सौरभ रघुवंशी आदि उपस्थित रहे।
इनकी रही उपस्थिति-
किसान मेले में डॉ. डी.के. बेहरा, निदेशक, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी,संयुक्त कृषि निदेशक डा.आशुतोष मिश्र,उप कृषि निदेशक अखिलेश कुमार सिंह,जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह मौर्य, डॉ. यशवंत सिंह निदेशक,स्वामी शरण कुशवाहा,देवमणि त्रिपाठी,देवेंद्र पाण्डेय,रामसकल मौर्या आदि उपस्थित रहे।