चंदौली जिला प्रशासन ने धन राशि वसूलने का दिया निर्देश
जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है फर्जीवाड़ा
चंदौली/संसद वाणी
अपात्र व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास की धनराशि उनके खाते में ट्रांसफर किये जाने के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सख्ती के बाद जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिला प्रशासन के जांच में ग्राम विकास अधिकारी दोषी पाया गया है। मुख विकास अधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि यदि ग्राम विकास अधिकारी अपात्र व्यक्ति से सम्पूर्ण धनराशि की वसूली नही कराते है तो सम्पूर्ण धन राशि उनके वेतन से वसूल की जाएगी। पूरा मामला चकिया विकास खंड के सिकंदरपुर ग्राम पंचायत का है। जहाँ ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव ने फर्जीवाड़ा करके पात्र लाभार्थी ऐनुलहक उर्फ ऐनुल पुत्र मुहम्मद कासिम की जगह अपात्र ब्यक्ति अनीसुर रहमान अंसारी पुत्र बदरुद्दीन अंसारी के खाते ने प्रधान मंत्री आवास की धनराशि भेज दी गई थी। मामला संज्ञान में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेन्द्र कुमार सिंह (योगी) ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में शिकायत भेजकर सरकारी धन की रिकवरी करने एवं दोषियों के ऊपर कठोरतम कार्यवाई करने का अनुरोध किया था। आयोग ने मामले को संज्ञाम में लेते हुए निर्देश दिया था कि जिलाधिकारी चन्दौली दिनांक 16/01/2023 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो कर आवश्यक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। आगे आयोग ने अपने निर्देश में यह भी कहा था कि यदि रिपोर्ट दिनांक 09/01/2023 से पहले प्राप्त हो जाती है तो अधिकारी को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाएगी। आयोग के सख्ती के बाद मुख्य बिकास अधिकारी ने बड़ा कदम उठाते हुए जांच कराई जिसमे ग्राम सचिव प्रदीप कुमार ग्राम विकास अधिकारी दोषी पाये गए। जांच में पाया गया कि ग्राम विकास अधिकारी प्रदीप कुमार ने जान बूझ कर अपात्र व्यक्ति को लाभ पहुचने का कृत्य किया है। इस अनियमियतता के लिए पूर्ण रूप से दोषी है। मुख्य विकास अधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदीप कुमार ग्राम विकास अधिकारी से आवास की सम्पूर्ण धन राशि मु0 1, 30 लाख रुपये एवं मनरेगा योजना से अवमुक्त मजदूरी की धनराशि अनिसुर रहमान अंसारी पुत्र बदरुद्दीन अंसारी से दो माह के अंदर वसूल कर जमा कराई जाएगी। आगे मुख्य विकास अधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि यदि प्रदीप कुमार ग्राम विकास अधिकारी दो माह के अंदर अपात्र लाभार्थी से सम्पूर्ण धनराशि की वसूली नही करते है तो सम्पूर्ण धनराशि की वसूली उनकी वेतन से की जाएगी एवं ग्राम विकास अधिकारी की 01 वेतन वृद्धि सम्पूर्ण धनराशि की वसूली होने तक अवरुध्द रहेगी। जनपद में बहुत ऐसे मामले है जहाँ आवास एवं शौचालय में में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है।
