पिंडरा/संसद वाणी
सावित्री बाई फूले महिला पंचायत/जनमित्र न्यास/मानवाधिकार जननिगरानी समिति के तत्वाधान में चाइल्ड राइट यू के सहयोग से सावित्री बाई फुले के जन्मदिन के पूर्व संध्या पर मिराशाह (पिंडरा) में सावित्री बाई फुले का जन्मदिन मनाया गया। समिति के कार्यकर्त्ता मंगला प्रसाद राजभर द्वारा सावित्री बाई फुले के जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि सावित्री बाई फुले भारत की पहली शिक्षिका थी । उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है । सावित्री बाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जिया। जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और महिलाओं को शिक्षित बनाना । कार्यकर्त्ता विनोद कुमार ने बताया कि आज से 191 साल पहले बालिकाओं के लिये जब स्कूल खोलना पाप का काम माना जाता था तब सावित्री बाई पूरे देश की महानायिका हैं । सावित्री बाई फूले महिला पंचायत कार्यकर्ती संध्या कहती हैं कि हर बिरादरी और धर्म के लिये उन्होंने काम किया। गीता मौर्या, चमेली देवी द्वारा सावित्री जी के आन्दोलन से आज महिला खुलकर हर दिशा में काम कर रही है और अपने आरक्षण की मांग कर रही हैं। जनमित्र न्यास कार्यकर्त्ता संजय राजभर द्वारा सावित्री जी के उपलब्धियों पर विशेष प्रकाश डाला। इस दौरान रिंकी, शना, शानियाँ, शहजादी, रुविना, नगीना, तैरून निशा, कैशर जहाँ, रेशमा, मारिया, ख़ुशी, गीता मौर्या, चमेली देवी, संध्या राव, आशियाँ, सरवरी बेगम, गुलशन समेत अनेक किशोरिया रही।