वीआईपी स्विस कॉटेज के साथ 125 टेंट में करेंगे प्रवास
पूरे रास्ते ग्रीन कार्पेट बिछा कर पैरों में छाले न पड़े यात्रियों को दी गई सुविधाएं
संसद वाणी /रामेश्वर
विश्वनाथ प्रताप सिंह
श्री उदासीन आश्रम रामरेती रामधाम गोकुल,महावन मथुरा द्वारा 8से 14फरवरी तक काशी परिक्रमा में सद्गुरु सरनानन्द महाराज व अंबानी परिवार के गुरु रमेश भाई ओझा के नेतृत्व में आज शनिवार को सात सौ पंचकोशी तीर्थयात्री पैदल कीर्तन भजन करते हुए रामेश्वर महादेव मंदिर में मत्था टेका और सविधि पूजन किया।इसके पश्चात अस्थायी वीआईपी स्विस काटेज पंचकोशी मार्ग चक्का में प्रवास किया।पंचक्रोशी तीर्थयात्रा में पूरे लाव लश्कर व पुलिस सुरक्षा के साथ भक्तों के पैर में छाले न पड़े ग्रीन कार्पेट बिछाकर सुविधाओ की व्यवस्था की गई थी। यात्रा के तीसरे पड़ाव रामेश्वर के पूर्व यात्री दल शुक्रवार को जंसा में प्रवास किया था। यात्री दल द्वारा पूरे रास्ते मे आस पास खड़े बच्चों व बड़ों में बिस्कुट, फल व तरह -तरह के प्रसाद वितरित करते हुए रामेश्वर पहुंचने पर रामेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी अन्नू तिवारी व संस्कृत विद्यालय के बच्चों ,साधु -संतों ने स्वागत किया। यात्रा में 60 से अधिक लक्जरी चार पहिया वाहन समेत 10 बसे थी जो 700 तीर्थयात्री के दल में शामिल रही। यात्री नङ्गे पांव भजन व श्री राम सहित हर -हर महादेव का उद्घोष करते चल रहे थे। एक यात्री के सिर पर भगवान का आसन उसमें विराजमान देवता को चवर डुलाते व ध्वनि विस्तारक के द्वारा भजन कीर्तन करते रहे। दल में एक यात्री हनुमान के रूप में उछल-कूद के साथ भगवान श्री राम का उद्घोष आकर्षण का केंद्र रहा।एक साथ 700 तीर्थयात्रियों का काफिला देखने के लिए सड़क किनारे भारी भीड़ जमा रही।यातायात को एकतरफा कर पुलिस प्रशासन जाम से मुक्त कर सुगमता के साथ धीरे-धीरे चल रही थी।यात्री दल में अधिकतर भक्त महाराष्ट्र,गुजरात और मथुरा समेत कुछ बनारस के शामिल रहे। यात्री दल रामेश्वर मन्दिर में पूजन कर चक्का स्थित स्विस काटेज पहुँच टेंट में विश्राम कर भोजन प्रसाद ग्रहण किया।भक्तजनों के लिए 125 अस्थायी वीआईपी टेंट के साथ कथा स्थल,लंगर सहित बिजली,पानी,शौचालय,कुर्सी,सोफा,मैट बिछाए गए हैं। सेठ किशोरी लाल जालान हाई स्कूल चक्का के प्रबधक व प्रधानाचार्य समेत शिक्षक व स्टाफ सेवा में लगे रहे। यात्री दल को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो विद्यालय व उसके संसाधन की सुविधाएं दिया गया।जनरेजटर,बिजली,पानी समेत कमरे व शौचालय उपलब्ध कराया गया। यात्री दल के लिए प्रतिदिन 1000 (एक हजार) लोगों का सुबह में नाश्ता व रात्रि में सिर्फ एक टाइम भोजन प्रसाद बनाने के लिए 100 कारीगर और टेंट,पांडाल के लिए 100 कुशल कारीगर समेत श्रमिक लगे हुए हैं।