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Sunday, April 2, 2023

ताले लटके क्रय केंद्रों पर धान खरीद जारी, बिचौलिए काट रहे चांदी, भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा महकमा

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ओ पी श्रीवास्तव

चंदौली/संसदवाणी

चंदौली : खबर जनपद चंदौली से है जहां धान के कटोरे की संज्ञा से सुशोभित जनपद में अन्नदाताओं की गाढ़ी कमाई औने पौने दाम में भ्रष्टाचार के रास्ते बिक रही है। बता दें की शासन स्तर से निर्धारित तमाम व्यवस्थाओं के बाद भी कर्ज में डूबा किसान प्रतिवर्ष अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को भ्रष्ट अधिकारियों, बिचौलियों के माध्यम से बेचने को मजबूर है। विदित हो कि जनपद में धान खरीद का यह अंतिम सप्ताह चल रहा है और सरकार के मंतव्य के तहत धान खरीद की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसके बावजूद भी ताला लटके धान क्रय केंद्रों पर कागजी आंकड़ों में प्रतिदिन खरीद हो रही है, जबकि ना तो धान गिराया जा रहा है और ना ही किसान धान बेचने को इन क्रय केंद्रों पर पहुंच रहें हैं। बता दें कि लगातार पंद्रह दिनों के जमीनी पड़ताल के बाद यह सच्चाई सामने आई कि कुछ केंद्रों पर लगातार ताला लटका पड़ा है। उसके बावजूद भी राजस्व चोरी के बड़े घोटाले के आकंठ में डूबे भ्रष्ट अधिकारियों की मिली भगत से सचिव दो घंटे के लिए कुछ किसानों का अंगूठा लगाकर कागजी आंकड़ों में बड़े पैमाने पर धान की खरीद दिखा रहें हैं। इसे किसानों की विवशता और बिचौलियों की चांदी ही कहेंगे जब अपनी गाढ़ी कमाई का हिस्सा बेचने की गुरेज से किसानों को इन लटके तालों के क्रय केंद्रों पर चोरी – छिपे जाना पड़ रहा है।

सुविधा शुल्क और कटौती से बचने का पैटर्न….

बता दें कि यह धान खरीद का अंतिम दौर होने के कारण भ्रष्टाचार का यह पूरा खेल खेला जा रहा है। पिक सीजन में धान बेचने पहुंचने वाले किसानों को नमी कटौती से लगायत काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लिहाजा कुछ किसान बिचौलियों के माध्यम से अंतिम दौर में धान विक्रय को तहरिज देते नजर आते हैं। इन रास्तों से राइस मिलरो की भी चांदी हो जाती है। भ्रष्टाचार के इस रास्ते से जहां राजस्व की बड़ी फेराफेरी की जा रही है, वहीं बिना चुना , फिटकरी लगे ही चोरी छिपे अंगूठा लगा रहे किसानों की भी चांदी कट रही है। बता दें कि इस पूरी प्रक्रिया में बंद पड़े क्रय केंद्रों पर तौल ना के बराबर होने के बावजूद बड़ी मात्रा में खरीद कागजी आंकड़ों में दिखाई जा रही है।

किसानों की गाढ़ी कमाई से लाखों की हो रही हेरा फेरी…

धान विक्रय के शुरुआती समस्याओं से बचने को किसान हमेशा शार्ट कट रास्ता अख्तियार कर लेता है। जबकि इसी शॉर्टकट पैटर्न का फायदा उठाकर बिचौलिए राइस मिलरों को फायदा दिलाने में जुट जाते हैं। राइस मिलरों को फायदा तो भ्रष्ट अधिकारियों और बिचौलियों की भी चांदी । किसान की गाढ़ी कमाई से चरण बद्ध तरीके से लाखों/ करोड़ों का लोग मुनाफा कमा लेते हैं। बता दें कि राइस मिलर बिचौलियों के माध्यम से किसानों की खरीदी धान को क्रय केंद्रों से लेकर कुटाई करते हैं। दूसरी तरफ अधिकारियों से मिलीभगत का फायदा उठाकर थोड़ा बहुत इधर उधर कर लाखों का फायदा उठा लेते हैं। जबकि नियमन क्रय केंद्र से एक लाट अर्थात 450 कुंतल धान राइस मिलर को तभी जा सकता है, जबकि जब वह उसका चावल कूट कर देंगे। जबकि एक एक राइस मिलों में हजारों कुंतल धान के गट्ठर रखे पड़े हैं और चोरी छिपे बाहर भेजे जा रहें हैं। विदित हो कि जहां किसानों को उनकी अपनी उपज का ही लाभ नहीं मिल पा रहा है वहीं करोड़ों का धंधा बिना तेल लगे ही राइस मिलरों और बिचौलियों के माध्यम से खेला जा रहा है। यदि इस गोरखधंधे में भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत नही होती तो सरकार को काफी राजस्व का फायदा होता। लेकिन अपनी जेब भरने में मशगूल अधिकारी इस गोरखधंधे को पूरा स्पोर्ट देकर बड़े पैमाने पर संचालित करवा रहें हैं। वहीं जब पूरे प्रकरण के बाबत आंकड़ों समेत संबंधित अधिकारियों से बातचीत करने हमारी टीम पहुंची तो अधिकारी चैंबर्स से गायब मिले।

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