पिंडरा/संसद वाणी
करखियाव में यूपीएसआईडीसी के द्वारा स्थापित एग्रो पार्क अधिकारियों के अकर्मण्यता व अदूरदर्शिता के चलते दर्जनों उद्यमी नए उद्यम लगाने के लिए भटकने को विवश है। जिसके लिए महीनों से आवेदन भी कर चुके हैं।
करखियाव एग्रो पार्क 268 एकड़ में विकसित है। जिसपर कुल 250 से अधिक खाद्य पदार्थ बनाने वाली कम्पनियों को लगना था। लेकिन स्थापना के 20 वर्ष बाद भी लक्ष्य को प्राप्त नही कर सका। ऐसा नहीं कि कोई प्लाट खाली हो, कागज पर मात्र एक दर्जन प्लाट छोड़कर सभी स्वीकृत है। लेकिन या तो वह वर्षो से खाली पड़े या फिर अधिकारियों के मिली भगत से बिना उद्यम लगाए उसे रीसेल कर लाखो का चूना लगाया जा रहा है। बताते है कि एग्रो पार्क के मुख्य द्वार से घुसते ही दोनों तरफ डेढ़ लाख वर्ग फीट की जमीन वर्षो से खाली पड़ी है। वर्षो पहले कोल्ड स्टोरेज के लिए आरक्षित की गई लेकिन फिर कभी चला नही और बन्द पड़ा है। इसके अलावा एग्रो पार्क परिसर में तीन दर्जन प्लाट खाली पड़े है। सरकार को अधिकारी रिपोर्ट भेज रहे हैं कि कोई प्लाट खाली नही है। यही नही सूत्रों के मुताबिक एक हजार करोड़ से अधिक का निवेश करने के लिए उद्यमी इच्छुक है। यही नही अब तक एक हजार करोड़ के निवेश के लिए उद्यमी एएमयू पर साइन भी कर चुके हैं।
इस बाबत यूपीएसआईडीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक आशीष नाथ ने बताया कि एलाट कराने के बाद उद्यम न लगाने वाले एक दर्जन उद्यमियों को नोटिस दिया गया है वही आधा दर्जन के आवंटन निरस्त किये गए हैं। अब शासन से मांग के अनुरूप खाली पड़ी जमीन का आवंटन तेज कर दिया गया है।
उद्यमियों के खेल हुए शामिल अधिकारी, सरकार को लगा रहे लाखों का चूना

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