वाराणसी के चिरईगांव विकास खण्ड का मामला
विभाग से जन प्रतिनिधियों व मीडियाकर्मियों से बनायी दूरी,लोगों में नाराजगी
चिरईगांव/वाराणसी/संसद वाणी
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत चिरईगांव विकास खण्ड में शनिवार को 39 जोड़ों का विवाह कराये जाने का दावा किया गया लेकिन योजना के तहत लाभार्थियों की सूची उपलब्ध करने से सम्बौधित महकमा कतराता रहा,अंततः मीडियाकर्मियों को सूची नहीं उपलब्ध कराई गयी जिसके कारण सूची पर सवाल उठना स्वाभाविक ही है कि लाभार्थियों की सूची को क्यों छिपाया जा रहा है।खण्ड विकास अधिकारी चिरईगांव राजेश वर्मा ने बताया कि 2 मुस्लिम और 37 हिन्दू जोड़ों का विवाह शनिवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत कराया गया लेकिन सूची उपलब्ध कराने के नाम पर बीडीओ ने भी मीडियाकर्मियों से दूरी बना ली।
बोली पटल प्रभारी- जो होना था हो गया, सूची लेकर आप क्या करेंगे ?
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को पारदर्शी तरीके से संचालित करने के शासन के सख्त निर्देशों की अवहेलना किस प्रकार की जाती है इनकी बानगी शनिवार को चिरईगांव विकास खण्ड में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में देखने को मिली। पारदर्शिता का आलम यह था कि शनिवार को दोपहर तक सामूहिक विवाह कार्यक्रम से मीडिया कर्मियों को अनभिज्ञ रखा गया।इस सम्बंध में बात करने पर सम्बंधित विभाग का कोई भी कर्मचारी/अधिकारी मीडिया से कुछ बोलने को तैयार नहीं था। कार्यक्रम भी ब्लाक मुख्यालय पर आयोजित न करके एक निजी वाटिका में ब्लाक मुख्यालय से दूर आयोजित किया गया।दोपहर बाद मीडियाकर्मियों के पहुंचने पर बताया गया कि 39 जोड़ों की सामूहिक शादी करा दी गयी लेकिन विकास खण्ड में समाज कल्याण विभाग की पटल प्रभारी सोनी गुप्ता से जब विवाहित जोड़ों की सूची मॉगी गयी तो उनका कहना था कि जिनकी शादी होनी थी उनकी शादी हो गयी अब आप लोग सूची लेकर क्या करेंगे? उनका कहना था कि यहां मीडियाकर्मियों को सूची नहीं दी जाती है।वैसे मीडियाकर्मियों को सूची उपलब्ध नहीं कराये जाने पर ब्लाक मुख्यालय पर तरह तरह की चर्चा होती रही।कुछ लोग मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत तैयार की गयी लाभार्थियों की सूची पर ही सवाल उठाते हुए जांच कराने की मांग की है।लोगों का कहना था कि सूची में भारी हेराफेरी की गयी है इस लिए मीडियाकर्मियों को सूची उपलब्ध नहीं करायी जा रही है।जबकि जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ ठीक ठाक होने का दावा कर रहे हैं।
बेटियों को आशीर्वाद देने नहीं पहुंचा कोई जन प्रतिनिधि-
सम्बंधित विभाग की ओर से बताया गया कि सामूहिक विवाह समारोह आयोजन के लिए के लिए प्रति जोड़े 6 हजार रुपये प्राविधानित है।उसके बाद भी वर-वधू पक्ष से आये लोगों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं मिल सकी। मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह कार्यक्रम में गरीब बेटियों को आशीर्वाद देने के लिए कोई जन प्रतिनिधि नहीं पहुंचा जो चर्चा का विषय बन गया है।आखिर सामूहिक विवाह का आयोजन करने वाला सम्बंधित महकमा मीडियाकर्मियों व जन प्रतिनिधियों से दूरी बनाकर क्या साबित करना चाहता है यह तो वही जाने। मीडियाकर्मियों से सम्बंधित विभाग की बेरूखी भी समझ के परे है।
नाराज़ दिखे लाभार्थियों के परिजन
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में सम्मिलित होने आये लाभार्थियों के परिजन समाज कल्याण विभाग की ओर से की गई आधी अधूरी तैयारियों पर नाराज़गी जताई।सबसे अधिक शिकायत लोगों के बैठने की व्यवस्था को लेकर रही। इसके पहले के आयोजनों में परिजनों बैठने के लिए कुर्सियों की ब्यवस्था की जाती थी वहीं इस बार जमीन पर बैठकर समय काटना पड़ा। पहले जनप्रतिनिधियों की ओर से वरबधू को उपहार व प्रमाणपत्र दिया जाता रहा लेकिन इस बार कर्मचारियों ने उनके पास पहुंचाया।इस प्रकार कार्यक्रम की अब्यवस्था की चर्चा लोगों की बीच होती रही।