सिक्योरिटी मैनेजर की भूमिका सवालों के घेरे में
सीओओ एचआर हेड का छवि धूमिल कर रहे सुरक्षा प्रबन्धक
रेणुकूट/संसद वाणी
कोर्ट के आदेश का हवाला देकर एक निजी संस्थान द्वारा गरीब दुकानदार की झोपड़ी तोड़े जाने के मामले का पटाक्षेप बुधवार को हो गया। लेकिन यह घटना अपने पीछे कई ऐसे सवाल छोड़ गया जिसमें स्थानीय प्रशासन सहित औद्योगिक संस्थान की छवि को खासा नुकसान पहुंचा। निजी संस्थान के प्रबंधन में बैठे वर्तमान शीर्ष अधिकारी औद्योगिक तरक्की के साथ नगर में जिस तरह से विकास की योजनाओं को गति दे रहे हैं उससे कंपनी के कर्मचारियों सहित नगरवासियों को सीधा लाभ मिल रहा है लेकिन शिवापार्क इलाके में बीते गुरुवार को कोर्ट के आदेश पर प्रतिवादी का मकान ढहाने पहुंचा प्रशासनिक अमला इतनी बड़ी चूक कैसे कर गया उसके पीछे पहले दिन से संस्थान के बड़बोले सुरक्षा प्रबन्धक का नाम आ रहा है जिसे उनके पूर्व के कारनामों के कारण नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता। कंपनी के सीओओ एचआर हेड एवं मुख्य सुरक्षा अधिकारी की नीतियां पब्लिक को जोड़ने की है तो वहीं एक सुरक्षा प्रबन्धक कंपनी एवं प्रबंधन के शीर्ष अधिकारियों की साख पर बट्टा लगाने में जरा भी देर नहीं करते। बीते दो वर्षों में इस अधिकारी के कारनामों ने कई बार औद्योगिक अशांति फैलाने की कोशिश की लेकिन अब तक गनीमत रहा कि घटनाओं ने बड़ा आकार नहीं लिया। छोटे से छोटे हर मामले में यह अधिकारी सुरक्षा गार्डों एवं बाउंसरों का दुरुपयोग करते रहते हैं उसको लेकर कई बार पब्लिक और सुरक्षाकर्मी आमने सामने होते रहे हैं। इतना ही नहीं कंपनी के अंदर भी साहब का हनक किसी से छिपा नहीं है बावजूद इनके उपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं होना हैरान करता है। नवरात्रि के समय डांडिया कार्यक्रम की घटना ने तो बता दिया था कि यह अधिकारी अपने निजी हित के लिए कंपनी नियम व मानवीयता कैसे भूल गए थे। एम्पलाई कोड मांगने पर साहब को इतना नागवार लगा कि दो मजदूरों को पुलिस चौकी तक जाना पड़ा था। दशहरा के दिन रावण दहन देखकर अपने घर लौट रहे निहाईपाथर के ग्रामीणों को क्रूरतम तरीके से पीटने का मामले में सिक्योरिटी मैनेजर की संवेदनहीन भरी भूमिका पर गहरे सवाल खड़े होते हैं। बीते दो फरवरी को शिवापार्क इलाके में कोर्ट के आदेश पर प्रतिवादी का मकान ढहाने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया चूक कोई मानवीय भूल नहीं थी जबकि इसके पीछे उसी साहब की भूमिका पर ही सवाल उठे। बताया गया कि कोर्ट अमीन ने कार्रवाई में चूक का जिम्मेदार भी उस अधिकारी सहित मौके पर उपस्थित कंपनी के कर्मियों को ठहराया है। ऐसे में सवाल यही उठता है कि कंपनी के यह अधिकारी कैसी मानसिकता के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं जिसमें कंपनी सहित सीओओ एचआर हेड एवं मुख्यसुरक्षा अधिकारी की साख पर लगातार बट्टा लग रहा है बावजूद इस अधिकारी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होना कंपनी के औद्योगिक विकास और शांति की नीति पर सवाल खड़े करता है।
इनसेट
सिक्योरिटी मैनेजर के आचरण से लोगों में नाराजगी
रेणुकूट। आम हो या खास हर व्यक्ति सिक्योरिटी मैनेजर के कोपभाजन का शिकार होता रहता है। साहब की सुरक्षा नीति की वजह से समाचार कवर कर रहे पत्रकारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कंपनी के चिकित्सालय में किसी घटना या दुर्घटना से संबंधित पीड़ित व्यक्ति की जानकारी या फोटो लेना अपराध की श्रेणी में आता है। मुख्यचौराहे पर यातायात व्यवस्था के लिए खड़े बाउंसर एवं सुरक्षा गार्ड आने जाने वाले लोगों से अमर्यादित व्यवहार करते हैं। बताया जाता है कि सिक्योरिटी मैनेजर की कथित सुरक्षा नीति एवं अड़ियल रवैये से आम लोगों एवं कंपनी के बीच कभी कभी टकराव के हालात बन जाते हैं।