वाराणसी/संसद वाणी
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के तत्वाधान में दिनांक 25 जनवरी से 30 जनवरी ,दोपहर 2:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक, आला काला पोखरा,परमानंदपुर वाराणसी में पांच दिवसीय श्री हरि कथा का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया है। आशुतोष महाराज के शिष्य स्वामी अर्जुनानंद जी ने पाँचवे दिवस में कथा का वाचन करते हुए कहा, मानव का जीवन बड़े भाग्य से प्राप्त होता है । जब तक इस शरीर मे सांस है तब तक हम ईश्वर की भक्ति कर सकते हैं। मानव जीवन का परम लक्ष्य ईश्वर की भक्ति है । जीवन महानता इसी में है, यदि हम अपने जीवन के रिक्त स्थान को भक्ति से, ज्ञान से पूर्ण करते है। गोस्वामी तुलसीदास जी लिखते हैं “बड़े भाग्य मानुष तन पावा। साधन धाम मोक्ष्य कर द्वारा”। अर्थात इसी मानव जीवन को आधार बानाकर ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। मानव के जीवन की सफलता के लिय सत्संग की बहुत आवश्यकता है ।सत्संग संस्कार और संस्कृति का मेरुदंड है । हमारे जीवन में ईश्वर कृपा से सत्संग प्राप्त होता है। सत्संग ही मनुष्य को विवेक देता है । अच्छा बुरा सोचने व विश्लेषण की शक्ति देता है। आगे स्वामी जी ने बताया श्री आशुतोष महाराज जी केवल धर्म शास्त्रों पर आधारित परमात्मा की बातें ही नहीं, ब्रह्मा ज्ञान के माध्यम से दिव्य नेत्र के द्वारा ईश्वर का दर्शन भी करवाते हैं । मंचासीन गुरु बहन अलका जी व काजल जी ने उपस्थित भक्तों को संगीतमय प्रस्तुति देकर सब को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम में श्री धीरज सिंह विश्व हिंदू परिषद श्रीमती रश्मि लखानी जी, पुष्पा सिंह,चिंता सिंह , उमेश राय, उमा सिंह शीतला प्रसाद श्रीवास्तव राजेन्द्र सिंह , आदि ने उपस्थित होकर दीप प्रज्वलन किया।कार्यक्रम का प्रारंभ वैदिक मंत्रों व समापन मंगल आरती के द्वारा किया गया।
