प्रसाद के प्रतीकात्मक पुतले को लगाई फांसी, अखिलेश पर भी निशाना
आजमगढ़/संसद वाणी
संवाददाता:-राकेश वर्मा
आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा हाल ही में रामचरितमानस पर उठाए गए सवाल के विरोध में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर लामबंद होकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं के तेवर काफी उग्र दिखाई दे रहे थे। इस दौरान समाजवादी पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ नारेबाजी की गई। इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्या के प्रतीकात्मक पुतले को कलेक्ट्रेट के बगल में स्थित पेड़ पर फांसी लगाई गई और जमकर विरोध जताया गया। हिंदू संगठन के लोगों का आरोप था कि स्वामी प्रसाद मौर्य को जनता ने पिछले वर्ष के विधानसभा चुनाव में नकार दिया था। लेकिन अपना अस्तित्व बचाने को लेकर उन्होंने जिस प्रकार से हिंदू धर्म के आस्था के केंद्र रामचरितमानस के खिलाफ अपशब्द बोले हैं उससे जनमानस आहत है। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि मुलायम सिंह यादव के पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को, जिनको, स्वामी प्रसाद मौर्या पर कार्रवाई करनी चाहिए थी उन्होंने स्वामी प्रसाद को बतौर नाम राष्ट्रीय महासचिव बना दिया। अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव के पद चिन्हों पर ही चल रहे हैं, जिसमें जो हिंदू धर्म का अपमान करेगा उसको वह बढ़ावा देंगे। स्वामी प्रसाद मौर्या पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किए जाने मांग की गई। वह यह भी कहा गया कि इस देश में जो भी हिंदुओं का विरोध करेगा जो भी हिंदुओं को नकारेगा वह कभी सत्ता में नहीं आ पाएगा। हिंदू संगठनों के विरोध के चलते कलेक्ट्रेट क्षेत्र में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता हाथों में तमाम नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे।
