14.6 C
Munich
Thursday, March 23, 2023

लकीर का फकीर पिटती चंदौली पुलिस : 24 से 72 घंटे का आश्वासन हुआ हवाहवाई, अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं मेडिकल संचालक के हत्यारे

Must read

ओ पी श्रीवास्तव

चंदौली/संसदवाणी

चंदौली : चंदौली में हुए मेडिकल संचालक की हत्याकांड की गुत्थी पुलिस महकमें के लिए अनसुलझी पहेली बन गई है। हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए एसपी के 24 से 72 घंटे के आश्वासन हवा हवाई हो गए हैं। पुलिस महकमें के सारे सेल हत्याकांड में शामिल हत्यारों की गिरफ्तारी में फेल साबित हो रहें हैं। शराब तस्करी और गौ तस्करों पर अभियान चलाकर नकेल कसने का दावा करने वाली खाकी टीम चंदौली में अपराधियों पर लगाम लगाने में चारो खाने चित हो गई। बता दें कि 11 फरवरी की रात दवा व्यवसाई धीरज गुप्ता की गोली मारकर पिपरपतिया गांव के समीप पुलिया पर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद व्यापारियों समेत परिजनों में काफी आक्रोश रहा। लोगों ने हाईवे जाम कर हत्यारों की गिरफ्तारी की आवाज बुलंद करते हुए हत्या का सारा ठीकरा पुलिस महकमें की ढुलमुल नीति के ऊपर फोड़ दिया। मौके पर पहुंचे एसपी अंकुर अग्रवाल और डीएम साहिबा ने हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए 24 घंटे का वक्त मांगा। लेकिन पुलिस के हाथ 24 घंटे से 72 घंटे के आश्वासन के बाद भी आज तक खाली हैं।


हालांकि इस बीच व्यापारी वर्ग भी प्रदर्शन , नारेबाजी और कलेक्ट्रेट का घेराव कर हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करता रहा लेकिन हाथ लड्डू के सिवा कुछ ना लगा। मृत धीरज के मोबाइल, परिजनो से लगातार पूछताछ के बाद धड़ाधड़ एक्शन – रिएक्शन लेने वाली चंदौली पुलिस के हाथ अभी तक खाली ही रहे। हत्यारे गधे की सिंग की भांति ना जाने किस बिल में जा बैठे कि धड़ाधड़ एक्शन लेने वाली पुलिस के तमाम प्रयास बेमानी साबित हुए।

आश्वासनों का पुलिंदा बांध हत्यारों की गिरफ्तारी में जुटी पुलिस…

हत्याकांड के दिन से ही पुलिस महकमा आश्वासन देता नजर आया। वैसे भी दिन बीतते गए लेकिन 24 से 72 घंटे के आश्वासन के हाथ अभी तक खाली ही हैं। हत्याकांड के बाद से ही रात भर हूटरों की आवाजें भरती पुलिस की जांच पड़ताल भी अब ऐसा प्रतीत होता है कि आश्वासनों के साथ ही धीमी पड़ गई हैं। हालांकि पुलिस महकमें ने हत्या की अनसुलझी पहेली को सुलझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, टीमें गठित कर , सर्विलांस टीम और गुप्तचरों का सहारा लेकर प्रयास में जुटी रही। पूछताछ की भी लंबी फेहरिस्त कोतवाली में देखने को मिली लेकिन गधे की सिंग की भांति हत्या को अंजाम देकर फरार हत्यारों तक नहीं पहुंच पाई।

हत्या को अल्टीमेटम के रूप में लेने वाले भाजपा विधायक के दावा हुए हवा हवाई…

विदित हो कि धीरज गुप्ता की हत्या के बाद परिजनों समेत व्यापारी वर्ग के बवाल और प्रदर्शन के दौरान मौके पर पहुंचे भाजपा विधायक ने हत्याकांड को सुरक्षा – व्यवस्था के कॉन्फिडेंस को अपराधियों की चुनौती के रूप में लेते हुए अपराधियों की गिरफ्तारी को अल्टीमेटम रूप में लिया था और अपने क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रखने के सख्त निर्देश डीएम साहिबा और कप्तान महोदय को दिया था। तनाव और आक्रोश के बीच घटना पर दुख जताते हुए मामला सूबे के मुखिया तक पहुंचाने की बात तक कह डाली। हालांकि उनके अल्टीमेटम के आगे भी पुलिस महकमा बौना ही नजर आया। बहरहाल सत्ता पक्ष के विधायक के इस तेवर के बाद विपक्षियों ने भी परिजनों के दुखों के पहाड़ में मरहम लगाने में जी तोड़ मेहनत की। विपक्षी दलों के नेता, कार्यकर्ताओं ने धीरज के घर पहुंचकर उनकी लड़ाई में साथ देने का आश्वासन दिया। लेकिन तमाम दबाव और प्रदर्शन का विरोध झेलती पुलिस के हाथ अभी तक कुछ खास ना लगा।

मौका मुआयना कर आईजी ने दिए थे निर्देश…

बता दें कि इस अनसुलझे हत्याकांड की पहेली को सुलझाने के लिए आईजी जोन वाराणसी परिक्षेत्र ने भी मौका मुआयना किया था और चंदौली पुलिस को निर्देश और हत्यारों की गिरफ्तारी के अचूक टिप्स दिए थे। उसके बावजूद भी महकमें के हाथ कुछ नहीं आया। वैसे सूत्रों की माने तो जब चंदौली पुलिस के सर्विलांस सेल के हाथ कुछ नहीं लगा तो पुलिस ने भी मौन नीति अख्तियार करते हुए, हत्याकांड में विशेष खोजी दल को लगा दिया है। महकमें के लिए चुनौती बने व्यापारियों से जुड़े इस तिहरे घटना के मामले में खुलासे के लिए पुलिस कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रही है। लोगों की माने तो उस दिन चौकी प्रभारी व थाना प्रभारी तक छुट्टी पर थे। पुलिस की गश्त भी ढीली थी, ऐसे मौके का फायदा उठाकर हत्यारों ने घटना को अंजाम दिया था। सूत्रों की माने तो महकमा हत्याकांड के जड़ तक पहुंचने की बजाए फिल्मी स्टाइल में घंटो के आश्वासन को साबित करती नजर आ रही है। राह चलते यूं ही घटना कारित नहीं लगती बल्कि लोगों ने तर्क दिया कि यह सोची समझी रणनीति हो सकती है। वैसे भी लोगों ने नवजात बनाए गए नजदीकी पुलिस बूथों पर अपराध कम करने की खासियत से इंकार ही किया। लोगों ने कहा कि इन पुलिस बूथ के जिम्मेदार तो सड़क से गुजरने वाले मालवाहक वाहनों से महीना और उगाही में ही मशगूल हैं।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article