भ्रष्टाचार का दलदल एवं कीचड़ की राजनीति
आलेख: ललित गर्ग भ्रष्टाचार के खेल ने दुनिया के सारे लोकतंत्रों को खोखला कर दिया है। भारतीय लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, इसलिए...
आबादी पर नियंत्रण की नई सुबह का इंजतार
आलेख : ललित गर्ग भारत अगले साल दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला मुल्क होने जा रहा है, चौंकाने एवं चिन्ता में डालने वाली इस...
बहुसंख्य समाज अपमान के घूंट कब तक पीता रहेगा?
आलेख: ललित गर्ग हमारे देश के कुछ समूहों, वर्गों, राजनीतिक-गैर राजनीतिक संगठनों एवं सम्प्रदायों में राष्ट्रवाद का अभाव ही अनेक समस्याओं की जड़ है। इसी...
“जय श्रीराम” नाम से परहेज क्यों ?
आलेख: डा.राधे श्याम द्विवेदी जय श्रीराम ( Jai Shri Ram ) भारतीय में बहुत विशाल जन समूह द्वारा अपने आराध्य के सम्मान में की गई...
नारी के अखंड सौभाग्य का पर्व है गणगौर
राजस्थान की उत्सव संस्कृति जहां समृद्ध है वहीं उसमें जीवन के रंग, कला, शौर्य, पराक्रम एवं बलिदान की भावना देखने को मिलती है। यहां का...
एक बार फिर आये ऋषभ युग
भगवान ऋषभदेव जन्म जयन्ती 26 मार्च, 2022 पर विशेष भगवान ऋषभदेव जैन धर्म एवं वर्तमान अवसर्पिणी काल के प्रथम तीर्थंकर हैं। तीर्थंकर का अर्थ होता...
उत्तरप्रदेश चुनाव के तीसरे दौर में विकास के मुद्दे से ज्यादा चला आरोप -प्रत्यारोप का दौर
उत्तर प्रदेश करहल में वोटिंग से दो दिन पहले भाजपा का पूरा अमला अखिलेश यादव पर टूट पड़ा था। भाजपा की तरफ से अखिलेश यादव...
जो बोया है वह कभी तो काटना पड़ेगा केजरीवाल को..
इस कहावत को कोई झुठला नहीं सकता कि जो बोया है वो काटना पड़ता है। वही हो रहा है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के...
नये भारत के निर्माण में मातृभाषाओं को प्रोत्साहन मिले
यूनेस्को द्वारा हर वर्ष 21 फरवरी को विश्व मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि विश्व में भाषाई एवं...
क्या रावण आज भी कट्टरपंथी व साम्प्रदायिक लोगों के रूप में जिंदा है ?
असली रावण तो सदियों पहले मारा गया लेकिन रावण रूपी कई तरह की बुराई आज भी जिंदा है। जो अलग-अलग रूपों में लोगों को लगातार...