शरद #शिशिर
प्रेम-प्रिति की बातें कितनी सच्ची है बतलाती हैशिशिर जवानी पर जब आती मुफ़लिस को दहलाती हैवियोगियों की आड़ छुपकर लिखते हैं कविजनशिशिर वेदना अपनी ही तोकलम बहुत ही कम लोगों की निष्ठुर सत्य सजाती हैकल से शरद जवानी पर है उसके साथ घटा कमसिनसर्द हवा सिहराती तन-मन दिल में हुक उठाती हैमेरे आँखों की कोरों …