
जेल में छापेमारी में बरामद मोबाइल के CDR विश्लेषण की तैयारी में जुटी पुलिस, जांच में कई सफेदपोश चेहरे होंगे बेनकाब।
आज़मगढ़/संसद वाणी
आजमगढ़ के डीएम विशाल भारद्वाज और एसपी अनुराग आर्य ने जेल में 26 जुलाई को छापेमारी की थी। 12 मोबाइल और चार्जर, 98 पुड़िया गांजा और LED टीवी की बरामदगी हुई थी। इस मामले में जिला प्रशासन ने आठ बंदियों के विरुद्ध जिले के सिधारी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।आरोपियों में राकेश राय, शेषधर यादव, मनीष सिंह, कमलेश, प्रकाश जायसवाल, अरविंद यादव और दो अज्ञात हैं। पुलिस अब इस मामले में बरामद मोबाइल के डेटा विश्लेषण की तैयारी में जुट गई है। आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि कोर्ट की परमिशन के बाद जप्त किए गए मोबाइल के सीडीआर का विश्लेषण किया जाएगा जिससे पता लग सके की जेल के अंदर से बंदी किससे बात करते थे। एसपी ने कहा की जांच में जिन-जिन का भी नाम बातचीत में सामने आएगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की इस कार्रवाई से निश्चित रूप से वह सफेद पोश चेहरे बेनकाब होंगे जो जेल के अंदर न सिर्फ बंदियों से बातचीत करते हैं बल्कि उनकी मदद भी करते हैं। पुलिस के इस कदम से इन सफेदपोश लोगों की परेशानी बढ़ना तय है। आपको बता दे की इस मामले में शासन ने आजमगढ़ जेल के जेलर रविंद्र सरोज, डिप्टी जेलर श्रीधर यादव और दो बंदी रक्षकों अजय वर्मा और आशुतोष सिंह को सस्पेंड कर दिया है। डीजी जेल आनंद कुमार ने इन कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी सिफारिश की है।