
श्रीकाशी मोक्षदायनी सेवा समिति द्वारा बाबा विश्वनाथ को 1008 कलश से गंगा जल लाकर उनको अर्पित किया।
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वाराणसी
गंगा दशहरा के ठीक दुसरे दिने ज्येष्ठ माह की निर्जला एकादशी पर सुबह से ही मां गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने शुरू कर दी थी। वहीं श्रीकाशी मोक्षदायनी सेवा समिति द्वारा बाबा विश्वनाथ को 1008 कलश से गंगा जल लाकर उनको अर्पित किया। भक्तों ने राजेंद्र प्रसाद घाट से कलश में गंगा जल भरा। श्रीकाशी मोक्षदायिनी सेवा समिति द्वारा यह परंपरा 24 वर्ष पहले वर्ष 1998 में शुरू की गई थी। राजेंद्र प्रसाद घाट से गंगाजल लेकर निकले भक्त हर-हर महादेव का उद्घोष कर रहे थे। बाबा विश्वनाथ के धाम पहुंच कर भक्तों ने उनका जलाभिषेक और रुद्राभिषेक किया। इस दौरान शिव भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था।

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