
120 किमी पर्यावरण पदयात्रा 3 जून को अस्सी घाट पर सुबह पहुंचकर समाप्त होगी।
वाराणसी/संसद वाणी
जीवन शैली में परिवर्तन के लिए 120 किमी पर्यावरण पदयात्रा जो कि 31 मई को मड़ैया घाट तमसा नदी मऊ से शुरू हुई थी। यह पदयात्रा 3 जून को अस्सी घाट पर सुबह 7 बजे पहुंचकर समाप्त होगी। जहां गंगामित्रों की टीम पदयात्रा का स्वागत करेगी।इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य तमसा रिवर फ्रंट पार्क, पेड़ पौधों के महत्व, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने, ऊर्जा के संसाधनों के उचित उपयोग के लिए है। पर्यावरण संरक्षण जागरूकता के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा। शैलेंद्र ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग ,जलवायु परिवर्तन एक बहुत बड़ी चुनौती है। इसमें जब तक सरकार के साथ जन सहभागिता नहीं होगी तब तक हम इसमें कामयाब नहीं होंगे,क्योंकि दिन प्रतिदिन तापमान बढ़ता जा रहा है। पानी का स्तर नीचे होता जा रहा है, वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा। इसके लिए हम सभी को मिलकर एक साथ आना होगा। शैलेंद्र ने आगे बताया उनकी टीम ने जगह-जगह पर पर्यावरण संरक्षण जागरूकता नदियों के महत्त्व, सिंगल यूज प्लास्टिक से क्या नुकसान है के विषय में बताया है। उन्होंने बताया कि यात्रा के प्रथम दिन गाजीपुर में उनकी टीम रुकी, दूसरे दिन महाराजगंज में शाम को सैदपुर में जन जागरूकता अभियान के बाद बूढ़े महादेव मंदिर प्रांगण में रुके। 2 जून को पदयात्रा सुबह से शुरू हुई जिसके अंतर्गत उन्होंने बताया कैथी होते हुए सारनाथ पहुंच जाएंगे। वहीं 3 जून की सुबह 7 बजे नमामि गंगे की टीम को अपने यात्रा अनुभव को बताएंगे और इस टीम के माध्यम से तमसा नदी जो मां गंगा की सहायक नदी है इसके लिए पत्रक सौंपेंगे। टीम का स्वागत महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र ( बीएचयू) ) वाराणसी के ईको-स्किल्ड गंगामित्रों की टीम से धर्मेन्द्र पटेल,अजीत पटेल,कमलेश यादव,राधा मौर्या,अजय भारद्वाज,गोविंद गोंड, जितेंद्र,युग्मिता,शैलेश वर्मा,अंजली,कैलाश व अन्य गंगामित्र करेंगे।